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Condolence Letter Sample In Hindi | शोक पत्र का नमूना

Condolence Letter Sample In Hindi | Sample condolence letter from organization in Hindi | डेथ यानी की मृत्यु होने पर शोक, सहानुभूति या सांत्वना के लिए लिखा जाने वाला शोक-पत्र (Condolence letter)

पांच तत्वों से बना मनुष्य शरीर अंत में पंचतत्व में विलिन हो जाता है। मानव शरीर नश्वर है। जीवन सत्य मृत्यु। किसी प्रियजन या क़रीबी की निधन का दुःख बेहद ही असहनीय होता है। किसी भी करीबी को खो देने का गम दुनिया का सबसे बड़ा गम है। ऐसे में आप अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर और शोक पत्र भेज कर उनके दुःख को कुछ हद तक कम कर ही सकते हैं। ऐसे लोग जिन्होंने अपने किसी खास को खोया है। इससे आप उन्हें यह अहसास भी दिला सकते हैं कि इस दुखद पल में आप उनके खड़े साथ हैं। किसी के निधन पर शोक कैसे व्यक्त करना है और उन्हें शोक पत्र लिखते हुए आपको किन-किन चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए, जानिए :
Condolence letter sample in hindi
Condolence letter sample in hindi

निधन पर शोक कैसे व्यक्त करना चाहिए?

  • ध्यान रहे कि, आप जिसे भी शोक पत्र भेज रहे हों, उन्हें सामान्य रूप से सम्बोधित करें जैसे यदि वह आपसे बड़े हैं तो उन्हें श्री मान जी और छोटे हैं तो डिअर या प्रिय आदि लिखें।
  • पत्र में इस बात का जिक्र करें कि, व्यक्ति के निधन से आपकों कितना दुःख हुआ है। उन्हें यह बात भी बताएं कि उनकी मौत की सूचना आपकों किससे और किस समय प्राप्त हुई है।
  • यदि जिनकी मृत्यु हुई है वह क़रीबी है तो आप उनके साथ बिताए समय और यादों का जिक्र इस पत्र में अवश्य करें।
  • जिसे आप पत्र लिख रहे हैं, उससे दुःख बांटे और यह अहसास दिलाएं कि इस स्थिति में आप उसके साथ हैं साथ ही मदद का प्रस्ताव भी दे।
  • पत्र का अंत भी आप सहानुभूति भरे वाक्य या शब्दों के साथ करें जैसे “तुम्हारा शोकाकुल मित्र”, “आंतरिक शोक के साथ”,”हमारी हार्दिक सहानुभूति” आदि।

Sample#1. मित्र की माता के निधन पर संस्थान द्वारा शोक पत्र (Condolence letter for letter from organization in Hindi)

प्रिय राज,
मुझे तुम्हारी माता जी की मृत्यु की दुखद खबर संस्थान और उनमें कार्यरत कर्मचारियों को मिली। खबर सुनते ही मेरे जहन में बचपन से लेकर अब तक उनकी सभी यादें ताज़ा हो गयी। तुम्हारी माता जी बेहद भद्र और हंसमुख थी। उनके अच्छे स्वभाव के कारण उन्हें हर कोई पसंद करता था। उनका हँसता हुआ चेहरा मुझे आज भी याद है। मुझे पता है कि माँ की कमी कोई भी पूरी नहीं कर सकता। लेकिन, भगवान को शायद यही मंज़ूर था और उनकी मर्ज़ी के आगे हम सब विवश हैं। मैं इस असहनीय दुःख की घड़ी में आपके साथ हूँ। अगर तुम्हें मेरी किसी भी मदद की आवश्यकता हो तो संस्थान को बिना किसी संकोच के मुझे बताएं। मेरी भगवान से यही प्रार्थना हैं कि आपकी माता जी की आत्मा को शांति और आपको व पूरे परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति मिले।
आंतरिक शोक के साथ,
तुम्हारी संस्थान,
एबीसी ग्रुप राजस्थान,
जयपुर।

Sample#2. आकस्मिक निधन पर शोक पत्र (Condolence letter on accidental death)

फ्लैट न. 456,
शिवालिक सिटी,
पिन-xxxx, मथुरा।
श्री मान राहुल जी,
आपके प्रिय मित्र राजेंद्र जी की अकस्मात हुई मृत्यु के बारे में सुन कर बहुत दुःख हुआ। मुझे पता है कि आप दोनों की दोस्ती बहुत गहरी थी। आप अक्सर उनका जिक्र किया करते थे। मैं जानता हूँ उनकी उम्र अभी इस दुनिया से जाने की नहीं थी। लेकिन, मृत्यु पर किसी का वश नहीं चला हैं। विपत्ति के इस समय में मेरी सहानुभूति आपके साथ है। आपके दुःख को मैं अच्छे से समझ सकता हूँ। यह गमों का पहाड़ जो आप पर टूट पड़ा है, भगवान आपको इन्हे सहन करने की शक्ति दे। अपने आपको अकेला मत समझना। मैं हमेशा आपके साथ हूँ और जल्द ही आपसे मिलने की कोशिश करूँगा। भगवान उनकी आत्मा को अपने चरणों में जगह प्रदान करें।
शोकाकुल,
अविनाश त्रिपाठी,
शास्त्री नगर, दिल्ली

Sample#3. सहेली के पति के निधन पर शोक पत्र (Condolence letter for friend husband death)

फ्लैट न. 123,
न्यू कॉलोनी,
करनाल,
हरियाणा।
प्रिय आंचल,
तुम्हारे पति की अचानक मृत्यु की खबर सुन कर मैं अचंभित हूँ। अभी पिछले सप्ताह ही तो हमारी मुलाकात हुई थी। हम सब ने कितना समय साथ बिताया था। आपके पति की ऊर्जा, भविष्य के प्रति उनकी सकारात्मक सोच और योजनाएं आज भी मेरे मन में ताज़ा हैं। किसे पता था कि वो मुलाकात हमारी आखिरी मुलाकात होगी।तुम दोनों को देखकर लगता था कि तुम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हो। अगले महीने होने वाली आप दोनों की शादी की सालगिरह के लिए भी हमने पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन, होनी को कौन टाल सकता है? जो बीत चुका है, उसे वापस नहीं लाया जा सकता। तुम्हारे जीवन में तुम्हारे पति की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता। किंतु प्रिय सखी, अब बच्चे तुम पर आश्रित हैं और उनका ख्याल अब तुम्हें ही रखना है। आपके पति जहाँ कहीं भी होंगे उनकी भी यही इच्छा होगी कि आप सब खुश रहें। इसलिए अपना ध्यान रखें, मैं जल्द ही तुमसे आ कर मिलूंगी। मेरी हार्दिक सहानुभूति तुम्हारे परिवार व तुम्हारे साथ है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
आंतरिक शोक के साथ,
तुम्हारी सहेली,
रजनी सिंह,
दिल्ली
नोट :- 
आप अपनी जरुरत/भावना के अनुसार इन पत्रों को संशोधित कर सकते हैं।
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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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